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कौशांबी में चोरकट बिल्ली के गले में आखिर घंटी बांधे कौन

चोरकट बिल्ली के गले में घंटी बांध दी जाए तो शायद हम लोगों की रक्षा हो सकती है

उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले की कहानी एक जंगल में एक बिल्ली रहां करती थी वह चूहों को प्रतिदिन झपट्टा मारकर चूहो का भक्षण करती थी सभी चूहों ने मिलकर एक सभा लगाई और सभा में निर्णय लिया गया कि यदि चोरकट बिल्ली के गले में घंटी बांध दी जाए तो शायद हम लोगों की रक्षा हो सकती है क्योंकि जब बिल्ली आएगी तो बिल्ली के आते ही गले में बंधी घंटी बजेगी हम लोग आवाज सुनकर भाग जाएंगे एक बूढ़ा चूहा ने कहा कि आखिर चोरकट बिल्ली के गले में घंटी कौन बाधेगा इस पर निर्णय नहीं हो सका ठीक उसी प्रकार से अभी हाल में एंटी करप्शन टीम ने पुलिस विभाग और राजस्व विभाग की चोरकटो की पोल खोल दी जबकि जनपद में जिला अधिकारी को छोड़कर सभी इस बिल्ली के श्रेणी में आ रहे हैं स्वयं न लेकर छोटे अधिकारियों से रिश्वत लेने का कार्य करवाया जा रहा हैं।

आपको बताते चलें छोटे अधिकारियो का चूहों के तरह भक्षण हो जा रहा है जनपद में ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां पर उच्च अधिकारी अपने छोटे अधिकारियों से रिश्वत लेने का काम न करवाते हो। जनपद में इतना सख्त ईमानदार साफ स्वच्छ जिला अधिकारी के होते हुए भी अधिकारी चोरी करवाने से रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं जिस तरह से जनपद में साफ-स्वच्छ ईमानदार कर्तव्य निष्ठ से जिलाधिकारी है जिनकी प्रशंसा जनपद के जन जन के मुख् से आवाज आ रही है कि यदि जिलाधिकारी हो तो जनपद कौशांबी जैसा हो लेकिन चोरकटो के आगे जिलाधिकारी की एक भी दाल नहीं गल रही है और जनपद के जिलाधिकारी की छवि को धूमिल कर रहे हैं जनपद में जिलाधिकारी का यदि भय होता तो एंटी करप्शन राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की पोल न खोल पाती एंटी करप्शन को जनपद की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं अगर एंटी करप्शन जनपद के तीनों तहसीलों में जहां पर रजिस्ट्री होती है वहां पर प्रत्येक रजिस्ट्री करता से ₹4000 रिश्वत लिया जा रहा है जो आज तक रोक नहीं लगाई गई है इसी प्रकार से ग्रामों उद्योग कार्यालय में मनमानी तौर से रिश्वत लिया जा रहा है इतना ही नहीं चाहे ब्लॉक का कर्मचारी हो चाहे तहसील स्तर का अधिकारी हो रिश्वत लेने में खूब माहिर है यदि इन पर एंटी करप्शन अपनी निगाह जिस दिन डालेगा उस दिन सब की पोल जैसे अभी दो लोगों की पोल खोली गई है ठीक उसी प्रकार से सब की पोल खुल सकती है यही तो कहावत सत्य हो रही है कि जनपद के जिला अधिकारी को छोड़कर जो बिल्ली रूपी अधिकारी है आखिर उनके गले में घंटी कौन बांधे जो अपने छोटे अधिकारियों से रिश्वत मंगा कर लेते हैं और पकड़े जाने पर छोटे अधिकारी और कर्मचारी का एंटी करप्शन के द्वारा भक्षण किया जाता है।

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