भतीजे का अपहरण कर हत्या करने वाले चाचा को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
- 13 वर्षों पूर्व 8 वर्ष के बच्चे की चाचा ने कर दी थी हत्या दोषी पर 52 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जनपद में भतीजे का अपहरण कर हत्या करने वाले दोषी चाचा को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।कोर्ट ने साथ ही दोषी पर 52 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मामला महेव घाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव का है। जहाँ अलवारा गांव के रहने वाले राम सुमेर त्रिपाठी ने 20 नवंबर 2011 को थाने में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि वह अपने 8 वर्षीय बेटे विवेक के साथ अपने भाई रमेश त्रिपाठी के घर गया था। कुछ देर बाद उनका बेटा विवेक घर जाने के लिए निकाला लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर विवेक की तलाश कर रही थी।
घटना के सात दिन बाद 27 नवंबर 2011 को विवेक का शव पड़ोसी के घर मे भूसे के कमरे में मिला। इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए तफ्तीश में जुट गई। पुलिस ने मामले में मृतक के चाचा रमेश त्रिपाठी को आरोपी बनाया और मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। मामला जिला सत्र न्यायाधीश अनुपम कुमार की अदालत में पेश हुआ। शासकीय अधिवक्ता सोमेश्वर तिवारी ने इस मामले में गवाहों का परीक्षण कराया शुक्रवार को गवाहों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश अनुपम कुमार ने आरोपी चाचा रमेश त्रिपाठी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर न्यायालय ने कुल 52 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है।
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