मकर संक्रांति के महा पर पर पिंजरा पोल गौशाला पहुंचकर गौ माता को कुट्टी खिलाई।
पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व विधायक हस्तिनापुर प्रभु दयाल वाल्मीकि ने कहा कि इस दिन स्नान एवं दान का विशेष महत्व है दान देने से ग्रह अच्छे हो जाते हैं मकर संक्रांति का त्यौहार शरद ऋतु से बसंत ऋतु दो रितआऔ का मिलन होता है शरद ऋतु से बसंत ऋतु की शुरूवात होती है। हिंदू धर्म में इसकी बहुत बड़ी मानता है इस दिन रेवड़ी गजक मूंगफली एवं मिष्ठान का मीठा त्यौहार माना जाता है इस दिन किया हुआ दान सर्वश्रेष्ठ एवं अच्छा माना जाता है यह दान का दिन होता है जिसका करोडो गुना फल मिलता है जीवन धन धान्य से फलिभूत हो जाता है मिलन का दिन होता है भाईचारे का दिन होता है आज इसी दिन को बेहद पवित्र दिन माना जाता है इस दिन के स्नान का भी जीवन में बहुत बड़ा महत्व है इसलिए इस दिन गंगा में स्नान उसके उपरांत दान एवं सेवा करना बहुत लाभकारी होता है एवं शुभ माना जाता है इसके उपरांत राष्ट्रीय गौ सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिक्षक नेता चौधरी नरेश पाल सिंह ने कहा कि आज इसी कड़ी में मवाना की गौशाला में गायों एवं नंदी महाराज एवं बछड़ा बचडियो को आटे की लोई गुड काला तिल शक्कर हरा चारा खिलाया गया एवं गायों को इसके उपरांत पुचकारा भी गया। और उनकी सेवा भाव से सेवा भी की। गौ माता की सेवा करना हजारों देवी देवताओं की सेवा करना माना जाता है इसी क्रम में हम सब ने मिलकर इस ऐतिहासिक महापर्व मकर संक्रांति के अवसर पर गौशाला में सच्चे मन से गायों की सेवा की एवं उनकी देखभाल भी की। और समाज के लोगों से आव्हान किया कि गौशाला में आकर नगर वासियों को गायों की सेवा प्रतिदिन करनी चाहिए गायों की देखभाल करने से बहुत खुशी होती है मन प्रसन्न हो जाता है यही हमारे हिंदू धर्म की पहचान है यही हमारी संस्कृति में है। गाय माता से हमारा जन्म जन्म का नाता है।
संवादाता मेरठ मवाना