प्रचार प्रसार की कमी के बदौलत अपेक्षित हुआ रैन बसेरा
उत्तर प्रदेश प्रयागराज जनपद के नगर पंचायत शंकरगढ़ में बने रैन बसेरों का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिन्हें ठंड के दिनों में भी रात फुटपाथ पर काटनी पड़ रही है। बनाए गए रैन बसेरा जानकारी के अभाव में खाली पड़े हैं। बाहरी यात्री और जरूरतमंद इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं जिससे नगर पंचायत की कोशिशों पर सवाल खड़ा हो रहे हैं। भले ही रेन बसेरा में ठहरने के लिए आधार कार्ड की कॉपी देकर रजिस्टर में नाम दर्ज करने जैसी आसान प्रक्रिया है लेकिन जानकारी के अभाव में जरूरतमंद यहां तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। नगर पंचायत शंकरगढ़ की इस पहल को प्रचार प्रसार की कमी के चलते अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। रैन बसेरा में शरण लेने वालों की संख्या नगण्य है। यह स्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है लोगों का कहना है कि इस सुविधा का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। डूडा कॉलोनी स्थित रैन बसेरा सुविधाओं के मामले में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ केवल कागजों तक सीमित है जब कि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
डूडा कॉलोनी रैन बसेरे के सामने स्थित सामुदायिक केंद्र की स्थिति भी चिंताजनक है। सफाई की व्यवस्था बदहाल है और सफाई कर्मियों का कब्जा बरकरार है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकारी तंत्र की अनदेखी के कारण लोगों के लिए की गई सुविधाएं भी प्रभावित हो रही है। वही कपारी मोड पर दिव्य और भव्य महाकुंभ के तहत बनाए गए रैन बसेरे में भी सुविधाओं का घोर अभाव है। जिसके चलते श्रद्धालु यहां ठहरने से कतराते हैं।जब इस संबंध में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि रैन बसेरा में आवश्यक सुविधाएं व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
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