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रासायनिक खाद की तुलना में गोबर की खाद के प्रयोग से अधिक हो रही पैदावार

खासियत गोबर की खाद का कौशाम्बी जनपद में किसान दे रहे है महत्व-सन्दीप सिंह

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जनपद में शिक्षा सामाजिकता मधुरता और जन-जन के बीच न्यायप्रियता के लिए मशहूर शाहपुर के जमींदार परिवार में जन्मे भूपेंद्र सिंह पुलिस विभाग में आईजी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं उनके परिवार का लम्बा इतिहास है और बीते कई पीढ़ी से क्षेत्र में उनके परिवार की ख्याति है अंग्रेजों के जमाने में उनके घर में अदालत लगती थी और इनके पूर्वजो को ऑलरेडी मजिस्ट्रेट का दर्जा अंग्रेजों ने दिया था पुलिस महकमें से आईजी के पद से रिटायर्ड भूपेंद्र सिंह के बेटे सन्दीप सिंह ने कड़ी मेहनत के बाद यह साबित कर दिया है कि रासायनिक उर्वरक से ज्यादा गोबर की खाद खेतों के लिए उपजाऊ है गोबर की खाद का प्रयोग कर संदीप सिंह ने एक हेक्टेयर भूमि में 100 कुंतल से अधिक आलू की उपज तैयार की है जो अपने आप में इतिहास है।

आपको बताते चलें संदीप सिंह की प्रेरणा से गांव के तमाम किसानों ने रासायनिक उर्वरक का प्रयोग बंद कर दिया और गोबर की खाद का प्रयोग अपने खेतों में कर माली हालत में सुधार लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं रासायनिक उर्वरक की जगह पर गोबर की खाद गौमूत्र ढैचा जैसे पदार्थ से खाद का उत्पादन कर क्षेत्र के किसान मालामाल हो रहे हैं रहे हैं खेतों में गोबर की खाद प्रयोग करने से फसल की पैदावार अच्छी हो रही है जिससे किसान प्रसन्न दिखाई पड़ रहे हैं गांव के अन्य किसानों को भी खेतों में गोबर की खाद प्रयोग करके आलू वा अन्य फसलों की खेती करने के लिए पूरी से तरह से संदीप सिंह ने प्रेरित कर तैयार कर दिया है उसी के फल स्वरुप वर्तमान में शाहपुर में आलू की खेती की पैदावार बढ़ गई है जिलाधिकारी ने भी किसानों के इस प्रयास की सराहना की हैं, संदीप सिंह के साथ गांव के ही द्वारिका भार्गव प्रमोद भार्गव आदि ने आलू की खेती में गोबर की खाद का प्रयोग कर अच्छा पैदावार किया है किसानों ने खेतो में ढैचा बो कर नाइट्रोजन की मात्रा बढाई है और रासायनिक खाद की जगह गोबर का इस्तेमाल कर खेतों में फसल तैयार कर रहे हैं जिससे कुछ वर्षों में किसान परिवार के घरों की माली हालत भी तेजी से सुधर रही है और शुद्ध उपजाऊ अनाज प्राप्त हो रहा है जहां पर कुफरी मोहन पुखराज आनंद जैसे किस्म के आलुओं की पैदावार में बढ़ोतरी हुई है बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि प्रति हेक्टेयर में 90 से 110 कुंतल तक आलू की पैदावार हुई है जिले में खेती की लिए संदीप सिंह से छोटे किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है और छोटे किसानों की माली हालत में भी तेजी से सुधार हो रहा है संदीप सिंह का कहना है कि रासायनिक उर्वरक खेतों के मिट्टी की उर्वरा शक्ति को नष्ट कर देते हैं जिससे खेतों में गोबर की खाद अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए और रासायनिक उर्वरक को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए।

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