आशाओं बहनों ने सीएमओ ऑफिस से रैली निकाल किया एक दिवसीय धरनाप्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
एटा: एटा 6 अक्टूबर 2023 आशा कार्यकत्रियों ने सीएमओ कार्यालय से एकत्र हो रैली निकाल धरना स्थल पहुँच किया। धरनाप्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन सौंपा। सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड के नाम अपना ज्ञापन संबोधित करते हुए। विधान सभा में आशा बहनों की मांग उठाने की मांग की हैँ। समाज को स्वस्थ रखने में अपनी महत्वपूर्ण सेवा के लिये प्रख्यात आशा कार्यकत्रियों व आशा संगिनी की पीड़ा को देश के सर्वोच्च के सदन पटल पर रखने हेतु माँग पत्र।
आशा कार्यकत्रियाँ स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख रीड हैं। किन्तु इनकी नियुक्ति के उपरान्त किसी भी सरकार ने आज तक इनके जीवन स्तर को के लिये किसी भी प्रकार का कोई सुधारात्मक कार्य नहीं किया है।
सम्बन्धित को सूचनार्थ आवश्यक माँगों को पूरा करने की कृपा माँगे निम्न हैं-
दो हजार में दम नहीं, 18 हजार से कम नहीं। आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाये ।
आशा कार्यकत्रियों का वेतन भारत सरकार द्वारा मजदूरी के हिसाब से मासिक वेतन निर्धारित किया जाये।
-आशा कर्मियों को यात्रा भत्ता साईकिल स्टेशनरी आदि का खर्चा दिया जाये।
आशा की व्यवस्था की जाये। हम आशा बहुओं से एक माह में 4 डिलीवरी माँगी जाती हैं। धमकी दी जाती है कि अगर नहीं कराओगी तो तुम्हें हटा देंगे और दूसरी को लगा देंगे।
सरकारी कर्मचारी घोषित न किये जाने तक उन्हें उनकी नियुक्ति की तिथि से 15वें भारतीय अम सम्मेलन द्वारा तय तथा सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के आधार पर निर्धारित न्यूनतम वेतन रू0 18000 /- प्रतिमाह दिया जाये। यदि हमारी मांगे मंजूर नहीं होने पर सभी आशा बहनें कार्य बहिष्कार करेंगी और हडताल पर बैठ जायेंगी। जब तक हम आशा बहनों का सीवैक / टीकेआई का पैसा नहीं पड़ा तब तक कोई कार्य नहीं किया जायेगा।
यह आप सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की जो – उन सबको आशा कार्यकत्रियों के बिना किसी प्रकार से पूर्ण नहीं कराया जा सकता कार्ड, संचारी रोग, गैर संचारी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में निरन्तर अपनी सेवा बिना किसी साप्ताहिक अवकाश के निरन्तर बिना परिवार की परवाह किये दृढ इच्छा से कार्यक पसे निवेदन है कि हमारा वेतन न्यूनतम 18 हजार रूपये से कम नहीं होता।
संवाददाता विष्णु रावत
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