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नारी….

नारी..

नारी पर कलंक सदियों से लगता रहा है

नारी को श्राप सदा समझा गया है

नारी कमज़ोर नही

नारी एक शक्ति है

उसे कम मत समझना

उसे हार कर भी जीतना आता है

वो डर का सामना भी करना जानती है

वो नही हारना जानती

उसने लड़ना है सीखा

हर बुराई से

हर मोड़ पे

नारी का जीवन आसान नहीं

और हर मोड़ पर उसे

नई मुश्किल मिलेगी

पर जीतने के लिए

उसे मंजिल भी मिलेगी।

  आयशा अल ग़जल

सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश

आयशा अल ग़जल
आयशा अल ग़जल
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