टूटा धनुष, फूलों की वर्षा के बीच सीता ने राम को पहनाई वरमाला
संवाददाता जितेन्द्र पाण्डेय
आदर्श रामलीला कमेटी कोनिया में आयोजित 126वें श्री रामलीला मंचन के चौथे दिन 18 अक्टूबर बुधवार को धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला देखकर दर्शक रोमांचित एवं भाव विभोर हो गये। सीता स्वयंवर के लिए भव्य मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। सीता स्वयंवर के बाद जब भगवान श्रीराम ने जनक जननी मां सीता को वरमाला पहनाई तो पूरा ग्राउंड जय श्री राम और सीताराम के जयघोष से गुंजायमान हो गया।
आदर्श रामलीला कोनिया मण्डल तुलसी कला के तत्वाधान में सीता स्वयंवर लीला मंचन को देखने के लिए सर्द हवाओं के बीच भी दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी।धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का सुन्दर मंचन हुआ। धनुष यज्ञ लीला के लिए सजाया गया मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। दरबार में माता सीता अपनी सखी सहेलियों के साथ स्वयंवर के लिए उपस्थित थी।राजा जनक ने दूर दूर से राजा एवं महाराजा और शूरवीरों को आमंत्रित किया था। लंकापति रावण और अयोध्या से सूर्यवंशी महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री राम के साथ ही कई राक्षस राज और प्रतापी राजा सीता का स्वयंवर करने के लिए आये थे।
राजा जनक सीता स्वयंवर के लिए भगवान शिव का धनुष दरबार में प्रस्तुत करते हुए उनको तोड़ने वाले वीर से सीता का विवाह करने की शर्त रखते हैं। बाणासुर और लंकापति रावण भी यह धनुष तोड़ने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन वो सफल नहीं हो पाते। अंततः भगवान श्रीराम इस धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह करते हैं और उनको अयोध्या ले आते हैं। धनुष यज्ञ लीला में कोनिया के कलाकारों ने अदभुत अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस लीला का सजीव चित्रण दर्शकों के सम्मुख करते हुए उनको मंत्रमुग्ध कर दिया। लक्ष्मण और परशुराम के संवाद की दर्शकों ने भुरी भुरी प्रशंसा किया।
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