पांचमी पास रावड़ी देवी कैसे बनी थी बिहार की मुख्यमंत्री?
आज नेतागिरी में कहानी महज चौथी पास बिहार की मुख्यमंत्री रावड़ी देवी की। आज कहानी चूला चौका करने वाली उस महिला की जो राजनीति का र भी नहीं जानती थी और बिहार की मुख्यमंत्री बन गई। आज कहानी ऐसी महिला की जिसने अपने 9 बच्चो को पाला पोसा उनकी परवरिस की ठेठ देशी महिला मुख्यमंत्री की।
राबड़ी का जन्म शिवप्रसाद चौधरी के घर बिहार के गोपालगंज जिले में 1956 में हुआ था। महज 17 साल की उम्र में ही उनका विवाह सन् 1973 में लालू प्रसाद यादव के साथ हुआ। राबड़ी देवी की सात बेटियाँ और दो बेटे हुए (तेज प्रताप यादव तथा तेजस्वी यादव) हैं।
रावड़ी देवी ठेठ देसी महिला गांवपन उनके व्यवहार में दिखता है। वे कम पढ़ी लिखी है इसलिए लालू के राजनीति में व्यस्तता में वह हमेशा घर परिवार में रही और अपने बच्चो को पालन पोषण का काम किया। वह राजनीति से हमेशा दूर रही।
वह स्वतन्त्र भारत में बिहार प्रान्त की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। 1997 राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर बहुचर्चित चारा घोटाले का आरोप लगा उनपर चौतरफा दबाव बना और लालू को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा उनके विरोधी लगभग लालू का राजनीतिक जीवन खतम मान रहे थे। फिर कुछ ऐसा घटा की सबकी आंखे फटी की फटी रह गई और शुर्खिया बनी राजनीति के मास्टर लालू ने ऐसा गेम खेला जिसकी किसी कल्पना भी नहीं की थी। 25 जुलाई 1997 घर का चूला चौका करने वाली अपनी पत्नी रावड़ी देवी को लालू ने मुख्यमंत्री बना दिया।
राबड़ी देवी ने तीन कार्यकाल में मुख्यमन्त्री पद सम्भाला| मुख्यमन्त्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल सिर्फ़ 2 साल का रहा जो 25-जुलाई-1997 – 11-फरवरी -1999 तक चल सका। दूसरे और तीसरे कार्यकाल में उन्होंने मुख्यमन्त्री के तौर पर अपना पाँच साल का कार्यकाल पूरा किया। उनके दूसरे और तीसरे कार्यकाल की अवधि क्रमशः सन् 09-03-1999 – 02-03-2000 और 11-03-2000 – 06-03-2005 रहा। सन् 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में राबड़ी देवी वैशाली के राघोपुर क्षेत्र से निर्वाचित हुईं।
बिहार की मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर दफ्तर न जाने और विधानसभा में सवालों का जवाब न देने का आरोप लगता रहा है।
पन्द्रहवीं लोकसभा के लिये हो रहे चुनाव प्रचार के दौरान एक आम सभा में राबड़ी देवी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड(जदयू)के प्रदेश अध्यक्ष लल्लन सिंह के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की। मीडिया में इसको लेकर उनकी खूब किरकिरी हुई। और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने पटना के सीजेएम कोर्ट में राबड़ी देवी के खिलाफ 13 अप्रैल 2009 को मानहानि का मुकदमा दायर किया। राबड़ी के खिलाफ आदर्श चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप भी लगा। बिहार विधानसभा चुनाव, 2010 में, राबड़ी देवी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा: राघोपुर और सोनपुर विधानसभा सीटें,लेकिन दोनों को हार गई, जबकि राष्ट्रीय जनता दल को भारी हार का सामना करना पड़ा, केवल 22 सीटों पर जीत दर्ज की गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सारण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन हार गई।
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