भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम विकास अधिकारी पर कब गिरेगी गाज, जांच में निकला भ्रष्टाचार तो प्रधान सचिव ने बना लिया अधिकारियों से शिष्टाचार, फर्जी हैंड पंप रिपोर्ट दिखाकर पैसा निकालने वाले प्रधान सचिव की खुल गई पोल
उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले मंझनपुर ब्लॉक अंतर्गत भ्रष्टाचार में लिफ्ट ग्राम प्रधान और सचिव पर आखिर क्यों मेहरबान है अधिकारी, कई बार हुई जांच, जांच में पाया गया दोषी उसके बावजूद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई, जांच अधिकारियों से भी अब ग्रामीणों का भरोसा उठ रहा है। मामले में जिलाधिकारी ने ब्लाक के अधिकारियों को जांच सौंप थी। जिसमें उल्टी सीधी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया था। लेकिन जमीनी हकीकत क्या कहती है यह तो तियरा जमालपुर की जनता ही बता सकती है मामले में ग्राम सचिव ने सैकड़ो ग्रामीणों के सामने अपनी कई कमियों को स्वीकार किया था लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मंझनपुर ब्लॉक के तियरा जमालपुर गांव में ग्राम प्रधान और सचिन पर ग्रामीणों द्वारा कई गंभीर आरोप लगे हैं जिनकी उच्च अधिकारियों द्वारा जांच करवाई गई तो कई खामियां निकाल कर सामने आई लेकिन जांच अधिकारियों ने कागज पर लीपा पोती कर मामले को रफादा कर दिया। जमीनी हकीकत या कह रही है।हैंडपंपों के रिपोर्ट की रकम निकालने के बाद कागज पर रिपोर्ट दिखाया गया लेकिन उस हैंडपंप से एक बूंद पानी भी नहीं निकल रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में का काफी आक्रोश है, और ग्रामीण आक्रोश में आकर ही क्या कर पाएंगे या तो चिंता का विषय है। अशोक कुमार के दरवाजे हैंड पंप की रिपोर्ट दिखाई गई लेकिन रिबोर आज तक नहीं कराईगी जिसकी वीडियो आज सोशल मीडिया पर एक विडियो भी वायरल हो रही है जिसकी पुष्टि हम नही करते है। ऐसे ही कई मामले में घोटाला किया गया है और जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की गई है। क्योंकि ग्रामीण डिप्टी सीएम से लेकर ज़िला के आलाधिकारियों से भी अपनी शिकायत कर चुके हैं लेकिन सिर्फ जांच का आश्वासन देकर मामले को टाल दिया जाता है। और जांच होने के बाद मामला रफा दफा हो जाता है। यदि ग्रामीणों का कहना है कि जिला अधिकारी ने मामले को संज्ञान लिया तो शायद तियरा जमालपुर की जनता को संतोषजनक न्याय मिलना तय है। और भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर गाज गिरना भी तय है।
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