प्रतिबंध होने के बाद भी खुलेआम बिक रहे अवैध पटाखे
संवाददाता मवाना
बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग किसानों पर मुकदमे दर्ज करा रहा है, वहीं दूसरी ओर मवाना शहर के मुख्य बाजारों में बिना किसी लाइसेंस के पटाखे बेचे जा रहे हैं, हालांकि इस बार प्रशासन की ओर से स्टाल लगाने के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है और न ही कोई आधिकारिक अनुमति दी गई है।
बता दें कि थाना क्षेत्र के गांव सटला में 2024 में पटाखा निर्माण के दौरान हुए हाथों में कई लोग घायल हो गए थे। आला अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने पटाखा माफिया के खिलाफ अभियान चला लाखों के पटाखे जप्त कर कई लोगों को जेल भेजा। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा है। जिसके चलते नगर के साथ देहात क्षेत्र में प्रतिबंध के बाद भी खुलेआम पटाखे की बिक्री की जा रही है।
- पटाखों से प्रदूषण दोनों तरह से फैलता है।
पटाखे चाहे लाल हों या हरे, उन्हें जलाने से प्रदूषण तो होता ही है। अगर करनाल जिले की बात करें तो शहर में जगह-जगह पटाखों के स्टॉल लगे हुए हैं और जहां स्टॉल लगे हुए हैं, वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर प्रशासन की इस लापरवाही की वजह से कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
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