कविता शांति
शांति ही मनुष्य जीवन का उद्देश्य है
मानवता ही सबसे बड़ा धर्म
इंसान को इंसान ही रहने दो
कुछ और मत बनने दो
सबका ईश्वर भी एक
सबकी इच्छाएं भी
मनुष्य होना सबसे बड़ा गुण है
मानवता हर हाल में जिंदा रखो
खुद को हैवान मत बनने दो
इंसान थे हम और इंसान का दर्जा सबसे ऊंचा है।
विनाश किसी का भी हो
होता इंसानियत का ही है
इंसानियत को बाकी रखो
क्योंकि जानवर भी आपस में रहते हैं प्रेम से
फिर हम तो हैं मनुष्य ।
ना कोई बड़ा है और ना छोटा
सबके पास एक जैसे हैं दिल और एहसास
इसी में मानवता की है आस।
आयशा अल ग़ज़ल
उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर
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