चकबंदी प्रक्रिया क्या है किसानों को चकबंदी से क्या फायदा होगा
भारत को गावों का देश कहा जाता है और आज भी देश की लगभग 65 से 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करती है। गांवों में रहनें वाले लोगो के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि है। देश की निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या और परिवारों के विभाजन के कारण खेतों के आकार छोटे जा रहे है। जिससे फसलों की उत्पादन क्षमता काफी कम होने के साथ ही खेती करने में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
चकबंदी वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी ग्राम की समस्त भूमि को और कृषकों के बिखरे हुए भूमि खंडों को एक पृथक् क्षेत्र में पुनर्नियोजन किया जाता है। चकबंदी के तहत, प्रत्येक किसान को एक ही स्थान पर एक ही आकार का खेत दिया जाता है। यह प्रक्रिया कृषि उत्पादकता और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है।
पारिश्रमिक तथा समय की बचत के साथ साथ चक की निगरानी करने में भी सरलता हो जाती है। इसके द्वारा उस भूमि की भी बचत हो जाती है जो बिखरे हुए खेतों की मेड़ों से घिर जाती है। अंतोगत्वा, यह अवसर भी प्राप्त होता है कि गांव के वास स्थानों, सड़कों एवं मार्गों की योजना बनाकर सुधार किया जा सके। चकबंदी के अंतर्गत किसान की जोतों को एक स्थान में एकत्रित किया जाता है।
इसे भी पढ़ें माघ मेले की पार्किंग से लेकर गंगा घाट तक दिव्यांगो के लिए ई- रिक्शा की व्यवस्था