यमुना नदी का जलस्तर सवा तीन सेमी प्रतिघंटा वृद्धि के साथ तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कछारी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गंगा नदी भी एक सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही है।
प्रयागराज : मंगलवार को गंगा-यमुना नदियों में तेजी से वृद्धि शुरू हो गई। यमुना नदी का जलस्तर सवा तीन सेमी प्रतिघंटा वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि गंगा का जलस्तर 78.75 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। यह बढ़ता जलस्तर कछारी इलाकों में बाढ़ को लेकर खतरे की घंटी बजाने के लिए बना रहा है।
इस दौरान फाफामऊ श्मशान घाट पर कटान तेज होने के साथ ही 24 घंटे निगरानी बढ़ा दी गई है। गंगा नदी में भी बाढ़ की वजह से चार शवों को रेत से निकलते हुए देखा गया। इन घटनाओं के कारण नगर निगम टीम ने शवों को गंगा में बहने से रोक लिया। सोमवार को भी इसी जगह पर चार शवों का अंतिम संस्कार कराया गया था।
भूकंपों के चलते पहाड़ों पर लगातार बारिश हो रही है, जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ का असर भी देखा जा रहा है। बैराजों और सहायक नदियों का पानी आने से यमुना का वेग भी बढ़ रहा है।
नगर निगम टीम ने इस समस्या को संजोकर समाधान के लिए कदम उठाए हैं। लोगों को बाढ़ की आशंका से बचने के लिए उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। सिंचाई बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम से बाढ़ के विक्रमशील स्तरों के बारे में लोगों को समय-समय पर सूचित किया जा रहा है।
कृपया सतर्क रहें और इन बदलते मौसमी परिस्थितियों का ध्यान रखें। बाढ़ के खतरे से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और सरकारी निर्देशों का पालन करें। सभी को सुरक्षित रहने की शुभकामनाएं।
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